पौष मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर आज सुबह भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार में हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इस दौरान भक्तों ने देर रात से ही लाइन मे लगकर अपने ईष्ट देव बाबा महाकाल के दर्शन किए। आज बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 4 बजे जागे। जिनका भांग से शृंगार कर मखाने की माला पहनाई गई। भस्म आरती में भक्तों ने बाबा महाकाल के इस आलौकिक शृंगार के दर्शन दिए। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे पौष माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर आज शनिवार सुबह 4 बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। उसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने इस दौरान बाबा महाकाल का आकर्षक स्वरूप में शृंगार कर कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट धारण कराया। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गयी।
आज के शृंगार की विशेषता यह थी कि आज बाबा महाकाल के मस्तक पर चन्द्रमा लगाकर भांग से शृंगार किया गया। इस दौरान मखाने की माला पहनाकर शृंगार के बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई। बाबा महाकाल के इन दिव्य दर्शनों का लाभ हजारों भक्तों ने लिया और जय श्री महाकाल का जयघोष भी किया।